कोरोना भय से मर जाता कोरोना कोई खतरा नहीं है।

कोरोना भय से मर जाता है।
 यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है।
 कोरोना कोई खतरा नहीं है।  यह वाला
 समझ, सोच अंतर्राष्ट्रीय
 अरबों रुपये बनाने की साजिश है।
 इस साजिश में भारतीय अर्थव्यवस्था को तोड़ने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
 साजिश में बड़ी दवा कंपनियां, बड़ी विदेशी हस्तियां शामिल हैं।  शारीरिक, आर्थिक, मानसिक रूप से प्रत्येक व्यक्ति को उसके परिवार से अलग करना
 यह तोड़ने की बात है।

 क्योंकि हमारे शरीर के अंदर लाखों बैक्टीरिया और वायरस होते हैं
 आदमी को सर्दी-खांसी है
 और जब शरीर संतुलन से बाहर हो जाता है, तो यह अपने आप ही गायब हो जाता है। इसलिए यदि किसी व्यक्ति को सर्दी खांसी है, तो उसके परिवार के सदस्य को बिल्कुल भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।  कोरोना के डर से ही लोग दिल के दबाव से मर जाते हैं।
 अमेरिका के एक गुजराती डॉक्टर शिव कहते हैं कि लॉकडाउन की जरूरत नहीं है।  मास्क पहनने की भी जरूरत नहीं है।  मुखौटा एक संकेत है कि एक डर दृष्टि में है।  ताकि वे एक दूसरे से डरें।  हमारे देश के अन्य सभी रोगों के मरीजों ने पिछले 2 महीनों में अपनी ओपीडी खो दी है।  क्या केवल एक कोरोना है?
     अब मुख्य बिंदु यह है कि अब कोरोना
 क्या होगा
 अब बड़ी विदेशी कंपनियां दावा करेंगी कि हमने कोरोना वैक्सीन की खोज की है।  और यह दुनिया के नागरिकों से अरबों रुपये लेगा।  यह टीका निमोनिया का एकमात्र इलाज होगा।

 सबसे ज़रूरी चीज़
 दुनिया में कोई भी वायरस सूरज की किरणों से ही मरता है।  इसलिए किसी को भी टीका लगवाने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।  आपको बस इतना करना है कि विटामिन सी पाने के लिए सुबह और शाम नींबू का रस पिएं।
 शरीर को सही मात्रा मिलती रहे।  और सुबह धूप में बैठने से आपको विटामिन डी मिलता है।
 मिलना।  शरीर का 90% रोग अपने आप गायब हो जाएगा
 घबराने की जरूरत नहीं है।

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